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Ketanmwagh73 asked 6 years ago
मसुरी(उत्तराखंड) येथील अकादमीचे पूर्ण नाव काय आहे.
7 Answers
Akshay Shinde answered 6 years ago

LBS National Academy of Administration, Mussoorie

मसूरी भारत के उत्तराखण्ड राज्य का एक पर्वतीय नगर है, जिसे पर्वतों की रानी भी कहा जाता है। देहरादून से 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित, मसूरी उन स्थानों में से एक है जहाॅं लोग बार-बार आते जाते हैं। घूमने-फिरने के लिए जाने वाली प्रमुख जगहों में यह एक है। यह पर्वतीय पर्यटन स्थल हिमालय पर्वतमाला के शिवालिक श्रेणी में पड़ता है, जिसे पर्वतों की रानी भी कहा जाता है। निकटवर्ती लैंढ़ौर कस्बा भी बार्लोगंज और झाड़ीपानी सहित वृहत या ग्रेटर मसूरी में आता है। इसकी औसत ऊंचाई समुद्र तल से 2005 मी. (6600 फ़ीट) है, जिसमें हरित पर्वत विभिन्न पादप-प्राणियों समेत बसते हैं। उत्तर-पूर्व में हिम मंडित शिखर सिर उठाये दृष्टिगोचर होते हैं, तो दक्षिण में दून घाटी और शिवालिक श्रेणी दिखती है। इसी कारण यह शहर पर्यटकों के लिये परीमहल जैसा प्रतीत होता है। मसूरी गंगोत्री का प्रवेश द्वार भी है। देहरादून में पायी जाने वाली वनस्पति और जीव-जंतु इसके आकर्षण को और भी बढ़ा देते हैं। दिल्ली एवं उत्तर प्रदेश के निवासियों के लिए यह लोकप्रिय ग्रीष्मकालीन पर्यटन स्थल है।

यहां का मुख्य स्थल अन्य सभी अंग्रेज़ों द्वारा प्रभावित/बसाये गये नगरों की भांति ही ”’माल”’ कहलाता है। मसूरी का मल रोड पूर्व में पिक्चर पैलेस से लेकर पश्चिम में पब्लिक लाइब्रेरी तक जता है। ब्रिटिश काल में मसूरी की माल मार्ग पर लिखा होता था ”भारतीय और कुत्तों को अनुमति नहीं”। इस प्रकार के जातीय चिन्ह अंग्रेज़ों की मानसिकता का परिचय देते सभी उस काल के बसाये नगरों में मिल जाते थे। इन्हें बाद में पैरों तले रौंद दिया गया था। मोती लाल नेहरू, भारत के प्रथम प्रधान मंत्री के पिता, द्वारा उनके मसूरी निवास काल में प्रतिदिन यह नियम तोड़ा जाता था। नेहरू परिवार, श्रीमती इंदिरा गाँधी सहित, मसूरी के नियमित दर्शक थे सन 1920-1940 के दौरान। वे निकटवर्ति देहरादुन में भी अपना समय देते थे, जहाँ पँडित जी की बहन विजयलक्ष्मी पंडित रहतीं थीं। अप्रैल 1959 में, दलाई लामा, चीन अधिकृत तिब्बत से निर्वासित होने पर यहीं आये और तिब्बत निर्वासित सरकार बनाई। बाद में यह सरकार हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला, हिमाचल प्रदेश। धर्मशाला में स्थानांतरित हो गयी। यहीं प्रथम तिब्बती स्कूल सन 1960 में खुला था। अभी भी लगभग 5000 तिब्बती लोग मसूरी में मुख्यतः हैप्पी वैली में बसे हुए हैं। वर्तमान में मसूरी में इतने होटल और जनसंख्या हो गयी है, उसकी दिल्ली इत्यादि से निकटता के कारण; कि यह नगर ढेरों कूड़ा, जल-संकट, पार्किंग की कमी, इत्यादि से, विशेषकर ग्रीष्म ऋतु में सामना करता है। इसके अन्य अनुभागों में अपेक्षाकृत कम संकट हैं।”’चार दुकान”’, लैंढ़ौर, ऊपरी मसूरी से हिमालय का एक दृश्य]]

Ujwal Shinde answered 6 years ago
एलबीएस नॅशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन
KMP answered 6 years ago

LBS National Academy of Administration, Mussoorie

Sumit answered 6 years ago
LBS national academy of administration, mussoorie.
rahulthopate89 answered 6 years ago

LBS National Academy of Administration, Mussoorie

kadam123 answered 6 years ago

LBS National Academy of Administration

payal answered 6 years ago
LBS NATINAL ACADEMY OF ADMINISTRATION